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FDSA - ये कैसे काम कर रहे है

डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में चल रहे धोखा धड़ी के प्लान से सावधान

          “डायरेक्ट सेलिंग” एक बेहद साफ़-सुथरा व्यवसाय है,  लेकिन हमारे व्यवसाय में धोखेबाज कंपनियों एवं धोखेबाज लोगों (लीडर्स) की मौजूदगी बड़ी चिंता का विषय है। ऐसी धोखेबाज कंपनियां और धोखेबाज लोग (लीडर्स) इस व्यवसाय में आने वाले लोगों को रातों-रात अमीर बनाने के सपने  दिखाते हैं और किसी न किसी प्रकार से सिर्फ पैसे लेकर कई गुना मुनाफे सहित एक निश्चित समय सीमा में वापस करने का वायदा करके लोगों को अपने झांसे में ले आते हैं। इस प्रकार की कंपनियां कभी सोना,  कभी क्लिक,  कभी सर्वे,  कभी विज्ञापन,  कभी क्रिप्टोकरंसी,  कभी तेल कंपनी आदि के नाम पर मूर्ख बनाती हैं !

एक कंपनी चल रही है जो दिखावे भर के लिए प्रॉडक्ट का मुखौटा लगाए हुए है और अपने बिज़नेस प्लान में रातों रात अमीर बनने का दावा पेश कर रही है - जिसमें रूपये लगाने पर 12 या 18 महीने तक लगातार आप को आमदनी मिलती रहेगी या आप दो अन्य लोगों को प्रॉडक्ट खरीदवायें तो अगले 12 महीने या 18 महीने तक एक निर्धारित रकम आप को मिलती रहेगी! आपकी बेवकूफ बनाने के लिए सैलरी प्लान, सिंगल लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान जैसी अलग-अलग स्कीमें भी कंपनी बता रही है।

एक अन्य कंपनी कहती है - "दोस्तो आ गया है 21 वी सदी का सबसे बैस्ट प्लान जो नैटवर्क मार्कटिगं का इतिहास बदल रहा है ✍✍ दोस्तो मै आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि आपने ऐसा प्लान न तो कभी देखा होगा और न ही कभी सुना होगा 🏅 💯  तो फिर देर किस बात की है शुरू हो जाओ इतिहास रचने के लिये - तो जल्दी कीजिये अपने अपने शहर मे टॉप ID की पोजिशन लेने के लिये !! दोस्तो हो सकता है कि आपको ये जॉइनिंग अमाउंट ज्यादा लगे एक बार प्लान को ध्यान से देखना नही समझ आए तो एक बार पूरी जानकारी लेना क्योंकि आपका कैरियर सैट करने में इससे बढ़िया option नहीं हो सकता"

सावधान - ऐसे दावे कर रही उपर्युक्त दोनों योजनाएं फर्जी लाइनों पर हैं।
ऐसी योजनाएं भारत सरकार के डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन्स 2016 के अनुसार नहीं हैं, लेकिन इन्हें मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत अपराध माना जाता है। वास्तव में आमदनी को प्रॉडक्ट की बिक्री से प्राप्त किया जाना चाहिए, जोकि कानूनी रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने और टीम के कुल कारोबार के माध्यम से वैध है। किसी अन्य प्रकार की आय जो डायरेक्ट सेलिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है, कानूनी मान्यता में नहीं है!

आज, बाजार में ऐसी कई धोखाधड़ी की स्कीमें चल रही हैं।

डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के अधिकारों और गरिमा के लिए “फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन” (FDSA) लंबे समय से संघर्षरत है ! इस संस्था ने ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर अपनी तरफ से भरपूर प्रयास किये हैं। "क्लिक" आधारित एक बड़े फर्ज़ीवाड़े का भांडा-फोड़ करके तथा क्रिप्टो करेंसी की चेतावनी जारी करके लोगों को बचाने की कोशिश की है।
फर्ज़ीवाड़े में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्टों की एक नेगेटिव प्रॉडक्ट लिस्ट जून 2016  में जारी  की गई जिसमें लोगों को धोखा देने के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किए गए उत्पाद शामिल थे। हमारी यह कोशिश अनसुनी नहीं रही; सरकार ने 2017 में उसके महत्व को समझा है और 2018 में घोटाले चलाने वाली धोखाधड़ी कंपनियों पर कार्रवाई होती दिख रही है - जो कंस्यूमर प्रोटेक्शन के लिए नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट की बेहद उपयोगी भूमिका को रेखांकित करता है !!

हम जन साधारण को  चेतावनी देना चाहते हैं कि कोई भी कंपनी अगर किसी भी प्रकार के सैलरी-प्लान,  सिंगल-लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान या इन जैसी कोई भी आमदनी (इनकम) का वायदा कर रही है तो वह गलत है। ऐसी आय को बढ़ावा देने वाली कंपनियां, उनके मालिकों और उनके प्रमोटरों और उनके लीडरों को परिणाम भुगतने होंगे।

ऐसी कंपनियों से दूर रहें यहाँ आपकी कड़ी मेहनत का पैसा डूबने का पूरा खतरा है। यह वही रास्ता है जिस पर एक कंपनी ने 6 लाख से अधिक लोगों को मूर्ख बनाकर 3600 करोड़ रुपये उगाहे और पैसा बनाया। यह कंपनी अब कानूनी शिकंजे में है। लेकिन आम जनता को अपने पैसे वापस मिलने की संभावना नहीं है।
ऐसी कंपनियां समय-समय पर बाजार में दिखाई देती रहती हैं। वास्तव में ये कंपनियां नाम बदल कर आती रहती हैं, लेकिन घोटाले करने वालों के चेहरे वही रहते हैं। उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए, नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट बनाने के बाद, एफडीएसए ने नेगेटिव कंपनियों की एक सूची बनाई है, जो कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार की जानकारी में लाई गई है।

अब, एफडीएसए ने लीडरों की एक नेगेटिव लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है - जिसमें उन लीडरों के नाम शामिल हैं जो हर फर्ज़ीवाड़े में शामिल रहते हैं और घोटालों की श्रृंखला को जन्म देते हैं। यह लिस्ट भी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार को जानकारी के लिए बनाई जा रही है।

ऐसे में एक और अपील हम आप सबसे करना चाहते हैं कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को स्वच्छ करने का अभियान आप सबके सहयोग के बिना मुमकिन नहीं है।  कंपनियां भले ही अलग-अलग क्यों न हों लेकिन मेहनतकश एवं भोले-भाले लोगों को चूना लगाने वाले लोगों के चेहरे एक जैसे ही रहते हैं ! यह एक प्रकार की दीमक है जो इंडस्ट्री में रहते हुए इंडस्ट्री को खोखला कर रही है और ये तथाकथित लीडर्स कंपनी के भाग जाने से पहले यही चेहरे जोर-शोर से पूरे जोश में स्टेज पर आकर अपनी सफलता के कसीदे पढ़ते हैं और कंपनी के भाग जाने के बाद मासूम सा चेहरा बनाकर बोलते हैं कि कंपनी ने मुझे भी तो ठगा है,  और लोग इन पर विश्वास कर के माफ़ कर देते हैं और ये लीडर्स बच जाते हैं फिर से लोगों को ठगने के लिए !

आइए मिलकर अपनी इंडस्ट्री को स्वच्छ बनाएं !

इसको जरूर पढ़ें मित्रो

एक ही कंपनी में आपसे काबिल आदमी आपसे आगे निकल जायेगा।।

उत्पाद और बिज़नेस प्लान सब कुछ समान होगा लेकिन कामयाबी अलग अलग।।

ऐसा क्यों होगा ??

क्योंकि हो सकता है कि आप एक दिन भी व्यापार को बढ़ाने के लिये  या टीम के विकास के लिये घर से बाहर न निकले हों।। और कोई दूसरा एक दिन भी घर पर ना बैठ सका हो और अपना एक एक दिन कामयाबी के नाम कर दिया हो।।

हो सकता है कि आपने सिर्फ अपने बारे में सोचा हो और किसी दूसरे ने अपना एक एक दिन अपनी टीम के विकास में लगाया हो।।।

हो सकता है कि आप सोच रहे हों कि आपकी कंपनी जिस दिन दुनिया की सबसे अच्छी कंपनी बन जाएगी उस दिन आप काम करोगे और किसी दूसरे ने सोचा हो कि कंपनी को सबसे अच्छा बनाने में उसका नाम भी शामिल होगा।।

हो सकता है कि आपका ध्यान समस्याओं के ऊपर ज्यादा है और किसी दूसरे का ध्यान मिले हुये मौके के ऊपर।।

हो सकता है कि आपने आगे सीखना बन्द कर दिया हो और कोई दूसरा रोजाना सीख सीखकर आगे बढ़ रहा हो।।

हो सकता है कि आप किसी चमत्कार की उम्मीद लगाकर बैठे हो और कोई दूसरा चमत्कार पर चमत्कार कर रहा हो।।

अच्छा होगा कि आप सबसे पहले  कामयाब होने के लिये जरूरी बातों को समझें।। सोचिये कि कोई भला क्यों आपके साथ जॉइन करेगा।। ऐसा आपमें क्या खास है।।

अगर आप बड़ी बड़ी बातें बोलते हैं तो उनको पूरा करने के लिये दिन रात भी एक कर दीजिये।।

कितनी शक्तिशाली बात है " दिन रात एक कर देना।। "

क्या आप जानते हैं कि दिन रात एक करना क्या होता है ??

नेटवर्क मार्केटिंग में इस बात का मतलब है कि रात को सफर करो और दिन में काम।।
एक शहर से दूसरे शहर।। या एक राज्य से दूसरे राज्य।।

अलग अलग जगहों पर पहुंचने के लिये प्लानिंग की जाती है।। ऐसी प्लानिंग करने में कुशलता हासिल कीजिये।।

वरना एक समान कंपनी में ही कामयाब और नाकामयाब लोगों की कोई कमी नही हैं बस ऐसे लोगों की संख्याओं में फर्क  हो सकता है।।

मौके को पहचानिये क्योंकि मौके हमेशा नही मिला करते।।

फ्यूचर मेकर लीडर और उसके जैसे प्लान सावधान

फ्यूचर मेकर कंपनी घोटाला: कंपनी की धांधली पर थी अफसरों की नजर, तेलंगाना पुलिस ने पहले की कार्रवाई।

Future Maker Company Scam:जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे कंपनी के काले कारनामों का खुलासा भी होता जा रहा है।

हिसार. ‘फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ (एफएमएलसी) की बुनियाद ही झूठ पर खड़ी हुई थी। अब रोज नए खुलासे हो रहे हैं तो कई गंभीर सवाल भी सामने आने लगे हैं।खुलासा सेंट्रल जीएसटी से जुड़े अधिकारियों ने अपनी जांच में किया है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के रिटर्न न भरने पर सीजीएसटी के अधिकारियों ने एफएमएलसी को नोटिस जारी कर रिटर्न भरने के लिए कहा था। अधिकारियों की मानें तो जुलाई 2017 से जुलाई 2018 तक कंपनी का 1500 करोड़ रुपए का टर्नओवर था, जोकि जीएसटी में ऑनलाइन दर्ज भी है। कंपनी की अगर पिछले दो माह की रिपोर्ट देखें तो हर महीने 150 करोड़ रुपए का व्यापार कंपनी कर रही थी। मगर शक कंपनी के काम करने के तरीके से शुरू हुआ। इसकी जांच डायरेक्टोरेट जनरल कॉमर्शियल इंटेलीजेंस(डीजीसीआई) पहले से ही कर रही थी। इसके लिए हिसार के सीजीएसटी अधिकारियों को साथ लेकर टीम बनाई गई थी। इसके बाद सेंट्रल जीएसटी टीम ने नोटिस देकर 27 करोड़ रुपए भरवाए थे।
कच्चा माल नहीं लेकिन प्रोडक्ट बनते रहे

- सीजीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश बिश्नोई ने बताया कि कंपनी राज्य में नहीं बल्कि केन्द्र में रजिस्टर्ड थी। डीजीसीआई केंद्र की एक अलग इंटेलीजेंस विंग है, तो उन्होंने अपने सूत्रों से पता किया कि यह फर्म करोड़ों के ट्रांजेक्शन कर रही है, मगर कई महीनों से रिटर्न नहीं भर रही थी। इस पर टीम ने जांच शुरू की, जिसमें हिसार के सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी भी शामिल रहे। इसमें सीजीएसटी ने रिटर्न भरने के लिए पहला लेटर भेजा, मगर यहां देखा कि कंपनी लोगों को प्रोडक्ट की इन्वर्ट सप्लाई कर रही है। कंपनी में कुछ कच्चा माल ही नहीं तो प्रोडक्ट बन कैसे रहे थे। यहीं से शक हुआ। इसे फाइनेंस की भाषा में कहते हैं इन्वर्ट कुछ भी नहीं है और आउटवर्ट हजारों प्रोडक्ट हो गए। यह सीधे-सीधे टैक्स चोरी है।

किसी सवाल का जवाब भी नहीं

- यहां जांच टीम समझ गई थी कि यह लोगों को प्रोडक्ट के नाम पर रुपए निवेश करा रही है। कंपनी ने अपनी सप्लाई 5 करोड़ रुपए अंडमान निकोबार में और 32 करोड़ रुपए नॉर्थ ईस्ट में दिखा रखी थी। जांच टीम ने जब पूछा कि क्या इन जगह कंपनी का ऑफिस है तो यह जवाब नहीं दे सके। फिर सामान हिसार से जा रहा है तो किस ट्रांसपोर्ट से जा रहा है, क्योंकि अंडमान निकोबार के लिए फ्लाइट या दूसरे रास्तों का प्रयोग करना होगा। इसकी जानकारी भी कंपनी नहीं दे सकी। यह कार्यवाही चल ही रही थी कि तेलंगाना पुलिस ने इनके दो लोगों को अरेस्ट कर कंपनी का मेन ऑफिस सील कर दिया।

डीजीसीआई करने गई थी गिरफ्तारी, इससे पहले तेलंगाना पुलिस ने कर दी कार्रवाई
- सीजीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश बिश्नोई बताते हैं कि यह फर्म शुरू से ही सेंट्रल में रजिस्टर्ड थी, वह इसकी जांच कर रहे थे कि इतने में फर्म के माल की गाड़ी स्टेट सेल टैक्स की टीम ने पकड़ ली। चूंकि इससे पहले ही हम फर्म को 4 से 5 महीनों का रिटर्न न भरने पर नोटिस दे चुके थे तो कंपनी एक बार 11 करोड़ दूसरे बार 15 करोड़ कुछ रुपये भर गई। यानि 27 करोड़ रुपए भरवाए गए। इनसे अगस्त महीने का 7 करोड़ रुपये का बकाया टैक्स लेना था, जिसके लिए हमने कंपनी को नोटिस भी दिया था। कंपनी की मोहलत 8 सितंबर को खत्म हो चुकी थी, हम सीएमडी की गिरफ्तारी के लिए इनके ऑफिस गए वहां पर सील मिली। यानि तब तक तेलंगाना पुलिस कार्रवाई कर चुकी थी। अब कंपनी पर 7 करोड़ रुपए टैक्स के और 1 करोड़ रुपए जीटीए के बकाया हैं। नियमानुसार 1 करोड़ रुपए से अधिक रिटर्न बाकी होने पर सीधे गिरफ्तारी होती है।

कैसे हुआ घोटाले के खुलासा

- हरियाणा के हिसार जिले से जुड़े चिटफंड घोटाले का पर्दाफाश तेलंगाना पुलिस ने किया। उसने हिसार में आरोपी कंपनी ‘फ्यूचर मेकर’ के खिलाफ कार्रवाई की। कंपनी पर आरोप हैं कि उसने कई लोगों को अनेक तरह के लाचर देकर उनसे पैसे ऐंठे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह चिटफंड घोटाला करीब 1200 करोड़ रुपए का है। इस मामले में फ्यूचर मेकर कंपनी के सीएमडी राधेश्याम और डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। साइबराबाद पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने उनके घरों पर भी छापा मारा। वहां से बरामद उनके लैपटॉप्स और दूसरे दस्तावेजों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान इस बात का पता लगाया जाएगा कि कथित तौर पर ठगी से जो पैसा आया उसका इस्तेमाल किन लोगों ने और कहां किया। मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ भी सकती है।

कंपनी के बैंक खाते सील
- जानकारी के मुताबिक, कंपनी के जिन पांच बैंक अकाउंट्स को सील किया गया है उनमें 218 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है। राधेश्याम और सुरेंद्र सिंह से पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि आरोपी पहले कुछ छोटी-बड़ी कंपनियों में मार्केटिंग कर चुके हैं। इन लोगों के निशाने पर ज्यादातर युवा, रिटायर्ड कर्मचारी और महिलाएं थीं। आरोपी चेन सिस्टम का उपयोग करते थे और इसी के जरिए कंपनी से नए लोगों को जोड़ने का लालच देते थे। कंपनी का टारगेट हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे राज्यों के चुनिंदा जिले थे।

घोटाला कैसे आया नजर में?
- तेलंगाना पुलिस को पिछले कई दिनों से फ्यूचर मेकर लाइफ केयर ग्लोबल मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड के बारे में शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद उसने पिछले सप्ताह शुक्रवार को इस कंपनी के रेड स्क्वायर मार्केट में छापेमारी की। आरोप है कि इस कंपनी ने निवेश और इसके बदले मोटा फायदा दिलाने का लालच देकर लोगों से करीब बारह सौ करोड़ रुपए की ठगी की।


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