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अमरनाथ हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

अमरनाथ यात्रा -  बाबा बर्फानी  शिव लिंग जो की स्वयंभू से भी बड़े स्वयंभू  का प्रतिक है ,! यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं।  


अमरनाथ हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में १३५ सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से १३,६०० फुट की ऊँचाई पर स्थित है।  जिसमें टपकने वाली हिम बूँदों से लगभग दस फुट लंबा शिवलिंग बनता है इसलिए ईसीए स्वयंभू माना  जाता है क्युकी  इसे कोई इंसान नहीं बनता , यहाँ भोले बाबा स्वयं आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में अपने भक्तो को दर्शन देते है  !

अमरनाथ यात्रा पर जाने के भी दो रास्ते हैं। एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बलटाल से। यानी कि पहलमान और बलटाल तक किसी भी सवारी से पहुँचें, यहाँ से आगे जाने के लिए आपको स्वयम चलके  ही आगे की यात्रा करनी होगी , मात्र दो रस्ते होते हुए भी  यदि आप सोनमर्ग वाले रास्ते से जाते  है तो  रास्ते में किसी अनहोनी के लिए भारत सरकार जिम्मेदारी नहीं लेती है।

1991 से लेकर  के  1995 तक सुरक्षा कारण बताते हुए इस यात्रा पर रोक लगा दी गई थी - आज हिंदुस्तान की जनसंखिया एक सो पचीस करोड़ के पर है जिसमें से  ८४ करोड़ शुद हिन्दू धर्म पालन करने वाले नागरिक रहते है - भारत का पडोसी  दुश्मन मुल्क पाकिस्तान की  जनसंखिया से तुलना करेंगे तो हम हिन्दू उनसे पांच गुना अधिक है  !

क्या ये सोचने वाली बात नहीं  की जिस देश में मुसलमानो को हज करने के लिए जब  सरकार सब्सिडी  देती है तो अमरनाथ यात्रियों से जम्मू कश्मीर सरकार दो हजार सात दिन के लिए टैक्स के नाम  पर  वसूलती है , उसमें भी यदि सात से अधिक दिन लग गए तो प्रति दिन दो हजार के हिसाब से  जुरमाना लगाया जाता है !

यदि बात सुरक्षा की करे तो  पिछले ही वर्ष 23  जुलाई , 2014  के दिन शांति पूर्वक यात्रा पर जाते हुए भक्तो  पर      जानलेवा हमला किया गया , खाने पिने  की पूरी सामगिरी तक  को अस्त - नष्ट करदिया  गया यहाँ तक  की बंधे गए टेंट व तम्बू / पंडालों को भी  उजाड़   दिया  ,,
सन - 2012 में  करीब 130 यात्री इसी यात्रा के दोहरान मृत्यु प्राप्त हो गए , सन   2000 में करीबन 30 यात्रियों  की     आतंगवाडी  हमले में मृत्यु हो गई -  ये तो केवल सरकारी अकड़े है जो  हमें   मीडिया द्वारा ग्यात  है  !

जबकि पुराने हादसों से  सिख लेते हुए प्रशासन   को नए बंदोबस्त करने चाहिए , केंद्र और राज्य   की पुलिस  तैनात होते हुए भी  यात्रा  को भांग करने  वालो पर कोई  ठोस करवाई नहीं हो पति है  यही कारण है की ऐसे लोगो का मनोबल बढ़ता है और पुलिस के प्रति दर   काम   हो  जाता है  - और उल्टा  वह शरीफ  इंसान डरने लगते   है जो  सच्चे दिल से  भगवन भोलेनाथ के दर्शन  करने को जाना चाहते है 

 में विनोद शर्मा राष्ट्रवादी युवा वाहिनी  के मंच और इस लेख के द्वारा  भारत सरकार से निवेदन करना चाहता हु   की हमारे ही देश में  हमें अपने भगवन के दर्शन  करने के लिए लगाये गए टैक्स  को  समाप्त करे  और अमरनाथ जैसी कठोर  यात्रा जिससे भक्त दिनों तक घर भर   ,काम धंदा छोड़के बिना खाए पिए  पैदल चलते है   ऐसी भक्तो को नमन कर  सम्मानित रूप से अमरनाथ यात्रा पर सब्सिडी  देनी चाहिए जिससे अधिक से अधिक और गरीब  तपते का व्यक्ति भी इस   यात्रा और बाबा  बर्फानी भोलेनाथ  के दर्शन का लाभ ले सके 

जय भोलेनाथ 
जय हिन्द 

विनोद शर्मा , मुंबई 
 राष्ट्रवादी युवा वाहिनी 
   महाराष्ट्र प्रदेश संगठन मंत्री 

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