
कोलकाता की शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रहे श्यामल सेन आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में करीब 2,060 करोड़ रुपये की घोटाले का अनुमान लगाया है। आयोग के एक अधिकारी की मानें तो सुदीप्तो सेन ने भी जांच के दौरान खुद इतनी रकम की हेराफेरी होने का संकेत दिया था। वहीं आयोग ने राहत की रकम में कमी की वजह से निवेशकों को रकम लौटाने का काम फिलहाल रोक दिया है।
दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने मुआवजे के लिए 5 अरब डॉलर(Dh298 करोड़ डॉलर) का ऐलान किया था। लेकिन अभी तक आयोग को 60 लाख रुपये ही मिल पाया है। इसलिए निवेशकों को रकम लौटाने की प्रक्रिया रोक दी गई है। एक अधिकारी के मुताबिक पहले दौर में 105,000 निवेशकों के पैसे लौटाने के सरकार ने 500 लाख रुपये दिए, जबकि दूसरे दौर में दीवाली से पहले 400,000 से अधिक पीड़ितों रकम लौटाई जानी थी। वहीं वित्त विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक जल्द ही विभाग और पैसा जारी कर देगा और निवेशकों को पैसा लौटाने का काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा आयोग ने शारदा ग्रुप की संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। आयोग ने कहा कि अगर सरकार की राहत राशि कम पड़ी तो शारदा ग्रुप की संपत्ति बेचकर निवेशकों को पैसे लौटाए जाएंगे। आयोग का कहना है फिलहाल जब्त 64 कारों को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद जमीन, बिल्डिंग और कई संपत्तियां बेचकर निवेशकों की रकम लौटाई जाएगी।
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