नमश्कार मेरे हिंदुस्तान के वीर नागरिको , आने वाले 15 अगस्त 2013 भारत के स्वतंत्र को 66 साल पुरे हो जायेंगे सोचने वाली बात तो ये है की इस सुन्तंत्र दिवस की बधाई दि जाये या दुःख प्रकट किया जाना चाहिए
अगर असलियत में देखा जाये तो हिंदुस्तान कभी आजाद ही नहीं हुआ सिर्फ फर्क पढ़ा है तो इतना ही की पहले हम अंग्रेजो के ग़ुलाम थे और अभ राजनेताओ की ग़ुलामी में जी रहे है !
आकड़ो पर नज़र डालेंगे तो एक लाख अंग्रेजो ने तीस करोड़ हिन्दुअतनि पर 90 साल तक हुकूमत करने के बाद जितना हिंदुस्तान को नहीं लुटा होगा उससे भी कही गुना ज्यादा कुछ ही हजारो राजनेताओ ने 125 करोड़ हिंदुस्तानी को 66 सालो में लुट दिया है !
गाँव तक तो बिजली पानी सडको की समस्या का तो पता ही नहीं - कभी पूरा भी हो पायेगा या मात्र एक सपना बन के रह जायेगा, सहरो में जहा एक चाय दस रूपए की हो गई है तो हमरे राजनेता लोग 12 रूपए भर पेट खाने का दावा करते है !
रुपया जहा 1947 में डॉलर के बराबर था अभ वही रुपया इन 66 सालो में गिरते हुए 62 पर आ पंहुचा है, मतलब रूपए का आनंद उठाना हो तो दोल्लारो में पैसा कमाना चाहिए (देश छोड़ो बहार कमाओ )
आज़ादी के बाद अगर कुछ खास कम किया गया है - तो वोह था भारत के टुकड़े कर अपने से पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग कर दिया गया और आज वहि हमरे दुश्मन मुल्क बने बैठे है
और विकास हुआ तो ये हुआ की हजारो राजनेति पार्टी बन गयी है सेकड़ो मंत्री विभाग और हर चेत्र में करोड़ो का घोटाला . ......
अभी आप ही लोग सोचे की हम आजाद हिंदुस्तान के ग़ुलाम नागरिक है या नहीं
अपना ख्याल रखे
सुरक्षित रहे
जय हिन्द
आपका अपना
विनोद शर्मा , मुंबई
अगर असलियत में देखा जाये तो हिंदुस्तान कभी आजाद ही नहीं हुआ सिर्फ फर्क पढ़ा है तो इतना ही की पहले हम अंग्रेजो के ग़ुलाम थे और अभ राजनेताओ की ग़ुलामी में जी रहे है !
आकड़ो पर नज़र डालेंगे तो एक लाख अंग्रेजो ने तीस करोड़ हिन्दुअतनि पर 90 साल तक हुकूमत करने के बाद जितना हिंदुस्तान को नहीं लुटा होगा उससे भी कही गुना ज्यादा कुछ ही हजारो राजनेताओ ने 125 करोड़ हिंदुस्तानी को 66 सालो में लुट दिया है !
गाँव तक तो बिजली पानी सडको की समस्या का तो पता ही नहीं - कभी पूरा भी हो पायेगा या मात्र एक सपना बन के रह जायेगा, सहरो में जहा एक चाय दस रूपए की हो गई है तो हमरे राजनेता लोग 12 रूपए भर पेट खाने का दावा करते है !
रुपया जहा 1947 में डॉलर के बराबर था अभ वही रुपया इन 66 सालो में गिरते हुए 62 पर आ पंहुचा है, मतलब रूपए का आनंद उठाना हो तो दोल्लारो में पैसा कमाना चाहिए (देश छोड़ो बहार कमाओ )
आज़ादी के बाद अगर कुछ खास कम किया गया है - तो वोह था भारत के टुकड़े कर अपने से पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग कर दिया गया और आज वहि हमरे दुश्मन मुल्क बने बैठे है
और विकास हुआ तो ये हुआ की हजारो राजनेति पार्टी बन गयी है सेकड़ो मंत्री विभाग और हर चेत्र में करोड़ो का घोटाला . ......
अभी आप ही लोग सोचे की हम आजाद हिंदुस्तान के ग़ुलाम नागरिक है या नहीं
अपना ख्याल रखे
सुरक्षित रहे
जय हिन्द
आपका अपना
विनोद शर्मा , मुंबई
Nice Artical Dada
ReplyDeleteNice Article Dada
ReplyDeleteस्वतंत्रता की 66वीं वर्षगाँठ के अवसर पर हम आजाद देश के गुलाम नागरिक अपील करते हैं कि हमें भी आजादी दें। जी हाँ, भारतवर्ष आज आजाद है पर हम भारत के नागरिक अन्याय, अपराध, भ्रष्टाचार, जुल्म, शोषण जैसे तमाम गलत निति के गुलाम हैं और हमें इनसे आजादी चाहिए। आज हम आम जन की वास्तविक स्थिति यह है कि हमें न्याय पाने का भी अधिकार नहीं है। हमें सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए तमाम सेवा व सुविधाओं का लाभ लेने का भी अधिकार नहीं है। आज देश के अन्दर के अपराध व भ्रष्टाचार ही देश के प्रगति में बाधक हैं और हमें इनसे आजादी मिलनी चाहिए। ...................
ReplyDeleteआज हमें यह चिंतन करना जरुरी है कि अपने देश के अन्दर के ही इन दुश्मनों से हम कैसे आजादी पाएं। .................
तो बात एक ही है कि आजाद भारत के गुलाम नागरिक को आजादी चाहिए। ...................
https://www.facebook.com/maheshkumar.verma2/posts/486116838141049
its really a mind blowing article sir, i salute u vinod ji
ReplyDeletevnod bhai aise hi likhte rahiye aapke is article se kafi protsahan mila
ReplyDelete