दो महीने के भीतर यु पि साइबर क्राइम के पीडि़त साइबर सेल पर सीधे शिकायत दर्ज करा सकेंगे। अब तक साइबर क्राइम से हुई धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराने के लिए लोगों को इधर से उधर भागना पड़ता था। सरकार इस संबंध में आगामी कुछ हफ्तों में अधिसूचना जारी करेगी, जिससे राज्य में मौजूद साइबर सेल को ऐसे मामलों की न केवल जांच करने की शक्ति मिलेगी, बल्कि साइबर सेल इन मामलों में एफआईआर भी दर्ज करा सकेगा।
बढ़ा दायरा अब तक साइबर क्राइम के शिकार लोगों को मामला दर्ज कराने के लिए साइबर सेल और संबंधित पुलिस स्टेशन में कई बार हाजिरी देनी पड़ती थी। अब राज्य सरकार ने साइबर सेल के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी कर उन्हें इस तरह की मामलों की जांच सौंपने का फैसला किया है।
6 साइबर सेल बढ़ेंगे
आने वाले महीनों में सरकार जोनल आईजी के नेतृत्व में एक साइबर सेल गठित करने की योजना बना रही है। अब तक राज्य में मौजूद साइबर सेल की संख्या 2 से बढ़ाकर 8 की जाएगी। पिछले कुछ सालों से यूपी के विभिन्न जिलों में नेट से चीटिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। इस समय लखनऊ और आगरा में 2 साइबर सेल तो है, लेकिन उनके पास सीधे एफआईआर दर्ज करने की ताकत नहीं है।
अब तक साइबर सेल इंटरनेट पर धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज कराने आए लोगों को संबंधित पुलिस स्टेशन में भेज देता था। केस दर्ज होने के बाद साइबर सेल के अधिकारी जांच शुरू करते थे। इसका नतीजा यह होता है कि इंटरनेट पर फ्रॉड का शिकार पीडि़त साइबर सेल और पुलिस स्टेशनों के चक्कर काटता रहता था, लेकिन इसका नतीजा जीरो निकलता था।
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