देशभर में काम कर रहीं गैर बैंकिंग कंपनियों पर नियंत्रण के लिए आरबीआई के साथ पुलिस का सहयोग भी बहुत जरूरी है तथा इन कंपनियों की पहचान कर समय पर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उक्त उदगार आईबीआई के क्षेत्रीय निदेशक पीआर रविमोहन ने शनिवार को यहां होटल सेंट्रल पार्क में पुलिस अधिकारी प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने वित्तीय बाजार में बैंक के महत्व को समझाते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक एक संवैधानिक संस्था है जो जनहित में कार्य करती है। भारतीय रिजर्व बैंक गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों का विनियमन तथा पर्यवेक्षण करता है।
उन्होंने बताया कि अनेक ऐसी कंपनियां हैं जो आरबीआई में पंजीकृत नहीं है। और असंवैधानिक तरीके से काम कर रहीं हैं और जनता को गुमराह कर रहीं हैं। इस मौके पर आईजी यूसी षडंगी, डीआईजी डॉ. हरीसिंह यादव एवं ग्वालियर एसपी डॉ. जीके पाठक सहित अंचलभर के वरिष्ठ अधिकारी यहां मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईजी यूसी षडंगी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से पुलिस विभाग को फर्जी कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली और इन फर्जी कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही नई कार्यप्रणाली और इन कंपनियों द्वारा किए जा रहे वित्तीय व्यापार पर लागू होने वाले विधिक प्रावधानों को समझने में काफी आसानी होगी। देशभर में 12000 पंजीकृत एंव गैर पंजीकृत गैर बैंकिंग कंपनियां काम कर रही हैं।
जो लोक लुभावने वादे कर गैर बैंकिंग कंपनियां निवेशकों को ठगने का कार्य कर रही हैं। छोटे निवेशकों को ठगी से बचाने के लिए भारत सरकार ने कई नियम बनाए हैं। जिनकी जानकारी इस कार्यशाला के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को दी जाएगी। पूरे देश में बिना नाम एवं पंजीकरण के बैंकिंग कार्य हो रहा है तथा ऐसी संस्थाओं द्वारा देश की 11 से 12 प्रतिशत पूंजी का इस्तेमाल हो रहा है।
जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा-सीधा प्रभाव पड़ता है। साथ ही निवेशक भी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं। इस कार्यशाला के माध्यम से पुलिस अधिकारी आर्थिक अनियमितता संबंधी प्रकरणों की विवेचना की बारीकियां सीख सक ते हैं। जिससे इन कंपनियों के खिलाफ पुलिस न्यायालय में ठीक से अभियोजन रख सकें।
जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा-सीधा प्रभाव पड़ता है। साथ ही निवेशक भी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं। इस कार्यशाला के माध्यम से पुलिस अधिकारी आर्थिक अनियमितता संबंधी प्रकरणों की विवेचना की बारीकियां सीख सक ते हैं। जिससे इन कंपनियों के खिलाफ पुलिस न्यायालय में ठीक से अभियोजन रख सकें।
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